मैं तो तेरी दीवानी हो गई रे
मैं तो तेरी दीवानी हो गई रे, श्याम तेरे प्यार में खो गई रे, मंने जान से राधे प्यारी तू,
मैं तो तेरी दीवानी हो गई रे, श्याम तेरे प्यार में खो गई रे, मंने जान से राधे प्यारी तू,
मैंने मेहंदी लगाई रे कृष्ण नाम की, मैंने मेहंदी लगाई रे श्याम नाम की, हो मेरी चुनी में कृष्ण मेरी
जब कोई न था हमारा और पास नहीं था किनारा, जब हार गया इस जग से बाबा ने दियां सहारा,
मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में तुम को ढूंडा है मथुरा की गलियों में मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में
किवे मुखड़े तो नजरा हटावा, के तेरे विचो रब दिसदा, जी करदा ऐ तेनु देखि जावा, के तेरे विचो रब
हे कान्हा मोहे, बहुत सतावत तोरी अंखिया, चहुँ दिस में कहूँ ठौर नाही मोहे , मोरे पीछे पीछे आवत
श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती, ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम
जीवन की नैया किनारे लगा ले, गोविन्द गाले गोपाल गाले, दुनिया के लोग है जगसे निराले, बाहर से उजले भीतर
तन तम्बूरा,तार मन अद्भुत है ये साज हरी के कर से बज रहा हरी ही है आवाज तन के तम्बूरे
मुझे राधे राधे कहना सिखादे कन्हिया तेरा क्या बिगडे वृंदावन जाऊ तेरे गुण गाऊ चरनो की धुली को माथे से