लट उलझी सुलझा जा रे मोहन
लट उलझी सुलझा जा रे मोहन मेरे हाथ मेहंदी लगी बालो का गजरा गिर गया मेरा अपने हाथ पहना जा
लट उलझी सुलझा जा रे मोहन मेरे हाथ मेहंदी लगी बालो का गजरा गिर गया मेरा अपने हाथ पहना जा
आ श्यामा घर मेरे तू श्यामा घर मेरे साडे सुने है गलिया वेडे तू श्यामा घर मेरे मथुरा दे विच
सुना है स्वर्गो से सुंदर एक बार ले चलो, मुझको राधा रानी के दरबार ले चलो, दरबार ले चलो मुझे
जी करदा मेरा श्याम जी मैं नच नच खुशी मनावा पैरा विच पाके घुंघरू मैं जोगन बन जावा राधे कृष्णा
ओ गिरिधर, ओ काहना, ओ ग्वाला, नंदलाला, मेरे मोहन, मेरे काहना, तू आ ना, तरसा ना । काली कमली वाला
मिठ्ड़े लगदे ओ श्यामा तेरी बंसरी दे बोल असा सुनने ओ श्यामा तेरी बंसरी दे बोल इक ता उचिया उचिया
आजा मेरे कन्हियाँ बिन माजी के सहारे, डुभे गई मेरी नैया आजा मेरे कन्हियाँ, बैठे है आप ऐसे सुनता नहीं
मोहन बंसी मधुर बजाये राधा के संग रास रचाये, गोप गोपियाँ सब हिल मिल नाचे यमुना के तट पर धूम
मटकी दे ने छोड़ रे ग्वालन मटकी दे ने छोड़, पतली पतली तेरी कलहाइयाँ देंगे ग्वाला मोड़, छुप छुपा के
(तर्ज: किसी की नैया का …) मेरे घर पे सांवरिया हर दम पहरा तेरा , तेरी कृपा से तो चलता