
राधा तेरा आँगन फूलो से मेहकता है
राधा तेरा आँगन फूलो से मेहकता है, राधा तेरे कानो के झुमके बड़े प्यारे है देख नथनी को मेरा कान्हा

राधा तेरा आँगन फूलो से मेहकता है, राधा तेरे कानो के झुमके बड़े प्यारे है देख नथनी को मेरा कान्हा

कृपा का रखना सर पे मेरे हाथ सांवरे होती रहे यूँ ही ये मुलाकात सांवरे कृपा का रखना……………….. जबसे मिला

मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए। बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥ राह तकत के

मैं तो तेरी दीवानी हो गई रे, श्याम तेरे प्यार में खो गई रे, मंने जान से राधे प्यारी तू,

मैंने मेहंदी लगाई रे कृष्ण नाम की, मैंने मेहंदी लगाई रे श्याम नाम की, हो मेरी चुनी में कृष्ण मेरी

जब कोई न था हमारा और पास नहीं था किनारा, जब हार गया इस जग से बाबा ने दियां सहारा,

मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में तुम को ढूंडा है मथुरा की गलियों में मोहन मोहन मोहन पुकारु गलियों में

किवे मुखड़े तो नजरा हटावा, के तेरे विचो रब दिसदा, जी करदा ऐ तेनु देखि जावा, के तेरे विचो रब

हे कान्हा मोहे, बहुत सतावत तोरी अंखिया, चहुँ दिस में कहूँ ठौर नाही मोहे , मोरे पीछे पीछे आवत

श्री भागवत भगवान की है आरती, पापियों को पाप से है तारती, ये अमर ग्रन्थ ये मुक्ति पन्थ, ये पंचम