
मिठ्ड़े लगदे ओ श्यामा
मिठ्ड़े लगदे ओ श्यामा तेरी बंसरी दे बोल असा सुनने ओ श्यामा तेरी बंसरी दे बोल इक ता उचिया उचिया

मिठ्ड़े लगदे ओ श्यामा तेरी बंसरी दे बोल असा सुनने ओ श्यामा तेरी बंसरी दे बोल इक ता उचिया उचिया

आजा मेरे कन्हियाँ बिन माजी के सहारे, डुभे गई मेरी नैया आजा मेरे कन्हियाँ, बैठे है आप ऐसे सुनता नहीं

मोहन बंसी मधुर बजाये राधा के संग रास रचाये, गोप गोपियाँ सब हिल मिल नाचे यमुना के तट पर धूम

मटकी दे ने छोड़ रे ग्वालन मटकी दे ने छोड़, पतली पतली तेरी कलहाइयाँ देंगे ग्वाला मोड़, छुप छुपा के

(तर्ज: किसी की नैया का …) मेरे घर पे सांवरिया हर दम पहरा तेरा , तेरी कृपा से तो चलता

आज चीर चुराके ले गया यशोदा तेरा नंदलाला यमुना काट ते आईया सखिया नी ओ कदमा ते चढ़के बह गया

मैं आरती तेरी गाऊ ओ केशव कुञ्ज बिहारी मैं नित नित शीश नवाऊ ओ मोहन कृष्ण मुरारी है तेरी छवि

हर घडी हर पल तेरा साथ चाहिये, दिन हो या रात मुलाक़ात चाहिये, तू, सागर हो साथी तोफिर क्या बात

साचे ना सहि झूटे हाय साही आखीर ते तेरे दीवाने है, साचे ना सहि झूटे हाय साही आखीर ते तेरे

कान्हा तूने क्या जादू चलाया रे तूने मुरली भजा के फसाया रे, देखा जो तुझे मेरे दिल में उतर गई,