सिर पे दोनों हाथ फेर दे
सिर पे दोनों हाथ फेर दे तेरा की घट जावे गा तेरा कुछ न बिगड़े गा तेरा टाबरियां तर जावेगा,
सिर पे दोनों हाथ फेर दे तेरा की घट जावे गा तेरा कुछ न बिगड़े गा तेरा टाबरियां तर जावेगा,
मेरा एक साथी है बड़ा ही भोला भाला है, मिले न उस जैसा वो जग से निराला है, जब जब
बावरे नैना भर रहे रात भर, सोये जागे जागे सोये जाने किस बात पर, मन खुश भी है बेचैन भी,
बिन पिये नशा हो जाता है जब सुरत देखू मोहन की मनमोहन मदन मुरारी है जन जन का पालनहारी है
श्याम प्यारे मुरलिया सुना दे अपनी मुरली पे हमको नचा दे बड़ी प्यारी है एह मतवारी है एह जादूवाली है
एक राधा एक मीरा, दोनों ने श्याम को चाहा अंतर क्या दोनों की चाह में बोलो एक प्रेम दीवानी एक
कन्हैया हमे तुम भुला तो न दोगे तड़पने की हम को सजा तो न दोगे, कन्हैया हमे तुम भुला तो
हे कृष्ण कहाँ हो आओ तुम, क्यूँ भूल गये गौ-माता को, बसते हैं जिसके रोम-रोम, सब देव ‘पुनीत-सुजाता’ को, वृन्दावन
गोवर्धन की परिकर्मा देवे भोले विष्णु ब्रह्मा, सब देव घन भी आये गई सात कोस परिकर्मा, ये तो भर भर
ओ मुरली वाले तेरा प्यारा लगे धाम, तेरा मनमोहन है नाम तेरा खाटू में है धाम, तेरा प्यारा लागे नाम,