तूने पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हु
तूने पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हु, खूब भटकी दर बदर मैं खुभ खाई ठोकरे, आये गई जब
तूने पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हु, खूब भटकी दर बदर मैं खुभ खाई ठोकरे, आये गई जब
ये माना कन्हिया मैं सुदामा नही हू मगर हाल मेरा सुदामा के जैसा तंदुल हमारे तुमने ना खाये हमने भी
माई म्हारो सुपनामा, परनेया रे दीनानाथ छप्पन कोटा जणा पधारया, दुल्हो श्री बृजनाथ सुपना मा तोरण बंध्या री, सुपनामा गहया
एक दिन मोहे मिल गओ वाह छैला नन्द कुमार लूट लिया ये दिल मेरो साखि लूट लिया ये दिल मेरु
लड़े नैन मोहन दे नाल कमली हो गयी आ हो गयी आ हो गयी आ जद दी वेखी सोहनी मूरत
मेरा दिल दीवाना हो गया वृंदावन की गलियों में वृंदावन की गलियों में बरसाने की गलियों में जो होना था
सच कहता हु मैं कसम से, सोने चांदी न धन से करलो सेवा तन मन से, मिलते है श्याम भजन
साँसों का क्या भरोसा रुक जाए कब कहाँ पर ईश्वर का नाम लेले हर वक़्त हर जहह पर साँसों का
नजरो का जादूगर है मेरा श्याम सांवरा, मोहन का दिल लगाना तो बस इक खेल है, जाने ना दिल के
करो ऐसी कृपा राधे तुम्हारी भक्ति मिल जाये, ये मुरजाई हुई कलियाँ हमारी फिर से खिल जाये, ना जाने कितने