
कन्हैया हमे तुम भुला तो न दोगे
कन्हैया हमे तुम भुला तो न दोगे तड़पने की हम को सजा तो न दोगे, कन्हैया हमे तुम भुला तो
कन्हैया हमे तुम भुला तो न दोगे तड़पने की हम को सजा तो न दोगे, कन्हैया हमे तुम भुला तो
हे कृष्ण कहाँ हो आओ तुम, क्यूँ भूल गये गौ-माता को, बसते हैं जिसके रोम-रोम, सब देव ‘पुनीत-सुजाता’ को, वृन्दावन
गोवर्धन की परिकर्मा देवे भोले विष्णु ब्रह्मा, सब देव घन भी आये गई सात कोस परिकर्मा, ये तो भर भर
ओ मुरली वाले तेरा प्यारा लगे धाम, तेरा मनमोहन है नाम तेरा खाटू में है धाम, तेरा प्यारा लागे नाम,
तूने पकड़ा हाथ मेरा मैं बड़ी मस्ती में हु, खूब भटकी दर बदर मैं खुभ खाई ठोकरे, आये गई जब
ये माना कन्हिया मैं सुदामा नही हू मगर हाल मेरा सुदामा के जैसा तंदुल हमारे तुमने ना खाये हमने भी
माई म्हारो सुपनामा, परनेया रे दीनानाथ छप्पन कोटा जणा पधारया, दुल्हो श्री बृजनाथ सुपना मा तोरण बंध्या री, सुपनामा गहया
एक दिन मोहे मिल गओ वाह छैला नन्द कुमार लूट लिया ये दिल मेरो साखि लूट लिया ये दिल मेरु
लड़े नैन मोहन दे नाल कमली हो गयी आ हो गयी आ हो गयी आ जद दी वेखी सोहनी मूरत
मेरा दिल दीवाना हो गया वृंदावन की गलियों में वृंदावन की गलियों में बरसाने की गलियों में जो होना था