लड्डू जैसा है लड्डू गोपाल
लड्डू जैसा है लड्डू गोपाल,मुझे बड़ा प्यारा लगे, नन्द यशोदा का ये बाल मुझे बड़ा प्यारा लगे, गोल मटोल मेरा
लड्डू जैसा है लड्डू गोपाल,मुझे बड़ा प्यारा लगे, नन्द यशोदा का ये बाल मुझे बड़ा प्यारा लगे, गोल मटोल मेरा
कान्हा का मैं हुआ दीवाना जग की दौलत भाये न, भगति का रंग चढ़ा है सिर पे पूजा करनी आये
नंद भवन में उड़ रही धूल धूल मोहे प्यारी लगे उड़े उड़े धूल मेरे नैनन पे आवे मैने दर्शन करे
प्रेम भक्ति और रंगरस की सरिता बहती जाय, ब्रजमंडल में दिव्य धाम यह बरसाना कहलाये । कहे ‘मधुप’ जब जब
मैया तुझे पुकारता हूँ मैं अपना जीवन ये रो रो गुज़ारता हूँ मैं मै तुझे………….. जबसे होश संभाला मैंने धोखा
दे चरणों का ध्यान सांवरे रखले सेवादार तेरे भवन पे करूँ चाकरी सुनले तू एक बार प्रेमियों को मैं भजन
तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे, मुझको अपने दिल में रखना तुम भी मेरे दिल में रहना,
मेरे नटवर नन्द किशोर, प्यारे आ जाओ माखन चोर | प्यारे आ जाओ, प्यारे आ जाओ || मेरे मोहन चले
हम तेरे शहर में आये है ,मुसाफिर की तरह , सिर्फ एक बार मुलाकात का मौका देदे , हम तेरे