
कान्हा की अँखियों मे बसी राधा की सूरत
कान्हा की अँखियों मे बसी राधा की सूरत है राधा के मन मंदिर सजी कान्हा की मूरत है, जन्मो के
कान्हा की अँखियों मे बसी राधा की सूरत है राधा के मन मंदिर सजी कान्हा की मूरत है, जन्मो के
मैनु राधे राधे आखे माये नी ग्वाला गोकुल दा ग्वाला गोकुल दा ग्वाला गोकुल दा सुबह सवेरे उठ यमुना ते
बन्नो मारो चारभुजारो नाथ, बन्नी मारी तुलसा लाडली।। विनायक रिद्धि सिद्धि संग लाया जी, विनायक रिद्धि सिद्धि संग लाया, रसोड़े
पागल कर डारी श्याम ने पागल कर डारी नैनो से जादू दाल श्याम ने पागल कर डारी मोठे मोठे नैनन
थाने भोग लगावा बाबा कर कर मनवार, बेगा बेगा आवो बाबा सुन भगता री पुकार, श्याम मेरे घर में आओ
माये नि मेरा कर दे गिरधर नाल व्याह, पावा तरले मैं तेरे मेरे कर लावा फेरे, मेरा कर दे पूरा
मीठी मीठी बाजे यहा तेरी मुरलियाँ, तेरी मुरलिया मोहे सुनाई जइयो रे , कान्हा मुरली की धुन पे नचा जइयो
ओ राधा तेरे बिना तेरा श्याम है आधा, रात दिन सुबहो शाम मैं तेरे साथ राहु यही है वादा, ओ
मुरलिया वारे की मैं तो बई रे दीवानी, मैं तो बई रे दीवाना कान्हा, मुरलिया वारे की मैं तो बई
प्रियकांत प्यारे की महिमा निराली दर पे जो आया लौटा न खाली, दुनिया को देखु भुला श्याम का रंग चढ़ा