
उधो माने न माने न या माने जा के कांटो लगे वो ही जाने
उधो माने न माने न या माने जा के कांटो लगे वो ही जाने, ऊधो लाये हो संदेश तुम श्याम
उधो माने न माने न या माने जा के कांटो लगे वो ही जाने, ऊधो लाये हो संदेश तुम श्याम
रंग डारो न रसियां ओ सँवारे, काहे रंग पिचकारी मारो, मेरी भीगे चुनरियाँ ओ सँवारे , रंग डारो न रसियां
प्यारो लागे बड़ो प्यारो लागे बंसी वालो सांवरियां प्यारो लागे, जब से देखि भोली सुरतियाँ दिन नहीं चैन नींद नहीं
मोर मुकट सिर नैनो में कजरा गल वैजन्ती माल, कृष्ण बड़ा प्यारा लागे पिया यु के संग विराजे, सावल तन
ओ मेरे प्रभु ओ मेरे प्रभु दुनिया के पालनहार हो तुम दीन दुखियों के आधार हो तुम ओ मेरे प्रभु
तेरी मैं कमली होइ आ मैं सारी रात न सोइ आ , वे सोहनियाँ श्याम तेरी मैं हो गई, तेरी
लड्डू जैसा है लड्डू गोपाल,मुझे बड़ा प्यारा लगे, नन्द यशोदा का ये बाल मुझे बड़ा प्यारा लगे, गोल मटोल मेरा
कान्हा का मैं हुआ दीवाना जग की दौलत भाये न, भगति का रंग चढ़ा है सिर पे पूजा करनी आये
नंद भवन में उड़ रही धूल धूल मोहे प्यारी लगे उड़े उड़े धूल मेरे नैनन पे आवे मैने दर्शन करे
प्रेम भक्ति और रंगरस की सरिता बहती जाय, ब्रजमंडल में दिव्य धाम यह बरसाना कहलाये । कहे ‘मधुप’ जब जब