
आजा कान्हा प्यासी हैं अंखियां
आजा कान्हा प्यासी हैं अंखियां, झर झर रोये ये सारी रतियाँ, दर्शन देदे कब से मैं तरसु, तरसाओ न आ

आजा कान्हा प्यासी हैं अंखियां, झर झर रोये ये सारी रतियाँ, दर्शन देदे कब से मैं तरसु, तरसाओ न आ

फुल बेच के गुजारा करना, रहना श्यामा तेरी नगरी, तेरी नगरी दे विच गऊआ बथेरिया,, दुधा विच के गुजारा करना,

तूने कौन से पुनाये किये राधे, जो श्याम तेरे घर आते है, राधा जब तू सोलह शृंगार करे, हरी दर्पण

मैनू अपना बना ले सावरे मैनू दुनिया दी लोड कोई ना जदो दा प्यार मैं तेरे नाल पाया मैं ता

उधो उस मुरली वाले ने हमे कितना सताया है, के मर भी तो नहीं सकते प्रेम में यु फस्या है,

एक भरोसा श्याम का,एक सहारा श्याम का, मतलब का बेदर्द ज़माना अब मेरे किस काम का, एक भरोसा श्याम का…….

मैं हार गया जीवन में बिन तेरे सँवारे, मेरी नैया पार लगा दो मेरे सरकार सँवारे, तू यार मेरा दिलदार

दर तुम्हारा मिला हर ख़ुशी मिल गयी अब ज़माने की खुशियां मिले ना मिले आपके प्यार की इतनी दौलत मिली

साँवरे के दीवानो की महफ़िल आज फिर से सजाई गयी है आज फिर से सजाई गयी है सारे भक्तों ने

मेरे मन में तेरा वृद्धावन, मेरी आँखों में तस्वीर तेरी, मुझे जब से तेरी लगन लगी, बदल गई तकदीर मेरी,