
कृष्ण बड़ा प्यारा लागे
मोर मुकट सिर नैनो में कजरा गल वैजन्ती माल, कृष्ण बड़ा प्यारा लागे पिया यु के संग विराजे, सावल तन

मोर मुकट सिर नैनो में कजरा गल वैजन्ती माल, कृष्ण बड़ा प्यारा लागे पिया यु के संग विराजे, सावल तन

ओ मेरे प्रभु ओ मेरे प्रभु दुनिया के पालनहार हो तुम दीन दुखियों के आधार हो तुम ओ मेरे प्रभु

तेरी मैं कमली होइ आ मैं सारी रात न सोइ आ , वे सोहनियाँ श्याम तेरी मैं हो गई, तेरी

लड्डू जैसा है लड्डू गोपाल,मुझे बड़ा प्यारा लगे, नन्द यशोदा का ये बाल मुझे बड़ा प्यारा लगे, गोल मटोल मेरा

कान्हा का मैं हुआ दीवाना जग की दौलत भाये न, भगति का रंग चढ़ा है सिर पे पूजा करनी आये

नंद भवन में उड़ रही धूल धूल मोहे प्यारी लगे उड़े उड़े धूल मेरे नैनन पे आवे मैने दर्शन करे

प्रेम भक्ति और रंगरस की सरिता बहती जाय, ब्रजमंडल में दिव्य धाम यह बरसाना कहलाये । कहे ‘मधुप’ जब जब

मैया तुझे पुकारता हूँ मैं अपना जीवन ये रो रो गुज़ारता हूँ मैं मै तुझे………….. जबसे होश संभाला मैंने धोखा

दे चरणों का ध्यान सांवरे रखले सेवादार तेरे भवन पे करूँ चाकरी सुनले तू एक बार प्रेमियों को मैं भजन

तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे, मुझको अपने दिल में रखना तुम भी मेरे दिल में रहना,