
ताती वाहो ना लगीये
ताती वाहो न लगीये । पारब्रम सरनाई जो गीरद॥ हमारै राम का दुख लगे न पाई॥ सतिगुरु पूरा भेटिया जिनी

ताती वाहो न लगीये । पारब्रम सरनाई जो गीरद॥ हमारै राम का दुख लगे न पाई॥ सतिगुरु पूरा भेटिया जिनी

जैसे होली में रंग, रंगो में होली वैसे कान्हा मेरा, मैं कान्हा की हो ली रोम रोम मेरा,

रहे मेरे मुख में सदा तेरा नाम, मीरा के मोहन राधा के श्याम, कोई दुनिया की ताकत जुदा न करे,

नमो नमो वृंदावन चन्द जहाँ विलाश करत प्रिया प्रियतम स्व इक्षा मई स्व इक्षा ….नमो नमो वृंदावन चन्द कबहू जात

सँवारे संजन की मैं बनु गी दुलहनियाँ, बनु गी सजानियाँ मैं बनुगी दुल्हनियां, सँवारे संजन की मैं बनु गी दुलहनियाँ,

हे श्याम तेरी बंसी पागल कर जाती है, मुस्कान तेरी मीठी घायल कर जाती है। सोने की होती जो, ना

मेरा तन मण खोया जाये जब जब बाजे तेरी मुरलिया, मेरी सुध बुध सब बिसराए जब जब बाजे तेरी मुरलिया,

मथुरा मैं जाकर मनमोहन तुम मुरली बजाना भूल गये मुरली का बाजना भूल गये गाऊऔ का चराना भूल गये क्या

रात श्याम सपने में आए, धाइया पी गये सारा रारा सारा रारा, रात श्याम सपने में आए, जब श्याम मेरी

राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी, की बृज की कहानी हो गयी एक भोली भाली गौण की ग्वालीन , तो