
मेरे अंगना में एक वारी आ साँवरिया नंद नंदना
मेरे अंगना में इक वारी आ ,साँवरिया नंद नंदना, घर मेरे आओगे तो मिश्री खिलाऊंगी घर मेरे आओगे तो माखन

मेरे अंगना में इक वारी आ ,साँवरिया नंद नंदना, घर मेरे आओगे तो मिश्री खिलाऊंगी घर मेरे आओगे तो माखन

हो सावरे हो सावरे हो सावरे हो सावरे, बनॉगे राधा तो यह जानोगे, बनॉगे राधा तो यह जानोगे, के कैसा

कैसे दूर मैं रह पाऊँगा,दौड़ा दौड़ा दर आऊँगा तेरे दर्शन करके बाबा,किस्मत को चमकाऊँगा ये बाबा तो साथी हमारा है,हारे

मायड़ म्हारी ए मै तो श्याम शरण में जाऊं,मायड़ म्हारी ए मै तो श्याम शरण में जाऊं।। श्याम शरण में

तेरे इश्क़ दी रीत निभेदी हाँ, वे मैं श्याम तो सदके रेह्न्दी हाँ, यार मेरा दिल दार मेरा, यमुना दे

म्हारा कुंज बिहारी हे बिहारी कृष्णा मुरारी, बरसाने गांव रे बोले मोर, म्हारा कुंज बिहारी हे बिहारी कृष्णा मुरारी, डूंगर

श्याम सूंदर सलोने के क्या ठाठ है, हो न हो श्याम सूंदर में कुछ बात है, इक झलक की सभी

ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे तुम्हरी लगन छोड़ डुंगा, तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे तुम्हारी लगन छोड़

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले, गोबिंद नाम लेकर प्राण तन से निकले, इतना तो करना स्वामी

कान्हा मेरे मोहन मेरे राधा तेरी रोती है दिन रात न सोती है, तुम गए मथुरा जब से तेरी याद