
मेरी राधा रानी की हर बात निराली है
मेरी राधा रानी की हर बात निराली है आ जी अपनी तो सरकार बरसाने वाले है करुणामई श्यामा के बरसाने

मेरी राधा रानी की हर बात निराली है आ जी अपनी तो सरकार बरसाने वाले है करुणामई श्यामा के बरसाने

बड़ी दूर से मैं आया तेरे द्वार सांवरे सच कहु आया दुनिया से हार सांवरे, मैंने सुना तेरा नाम दीना

भज गोविन्दम् (मूल संस्कृत) भज गोविन्दम् (हिंदी भावानुवाद) Bhaja Govindam (English) भज गोविन्दं भज गोविन्दं, गोविन्दं भज मूढ़मते। संप्राप्ते सन्निहिते

मुरली बजाते हो पीछे पीछे आते हो नैनो से नैना मिला के मुस्कुराते हो ओ राधा रेड रेड गजरा लगा

घुटुरन अंगना फिरत कन्हैया, मधुरी बोल कछु सीखत मोहन, कहन लागे अब मैया मैया, घुटुरन अंगना फिरत——- नन्द मेहर सों

सतत पर्तीक्षा अप लक रोचन हे भव भादा विपति विलोचन, इक बार आकर ये कहिये सविकारी विनती सुनिए नाथ हमारी

सोचता हु के हम कितने मजबूर थे, क्या से क्या हो गये देखते देखते, श्याम प्यारे ने बस युही सोगात

दर तेरे ते घटा ना कोई सहनु मंगन दा वल ना आया, द्रोपती ने सि लीर बंधी साडियाँ दा ढेर

बंसी बजा के ,कान्हा तुझे बुलाए, डाला है झूला ,राधा जल्दी से आए, बदरिया छाई है, सावन आ गया, रिमझिम

जय जय श्याम..जय जय श्याम.. जय जय श्याम..जय जय श्याम.. जपो रे मन श्याम की माला बने तेरा रखवाला जीवन