
भीगे है कान्हा चुनरी रंग मत डारो
भीगे है कान्हा चुनरी रंग मत डारो, भीगे है कान्हा चुनरी छलक रही गगरी मैं नाजुक ठेहरी रंग मत डारो,

भीगे है कान्हा चुनरी रंग मत डारो, भीगे है कान्हा चुनरी छलक रही गगरी मैं नाजुक ठेहरी रंग मत डारो,

तेरी मस्ती में नचके मलंग हो गया, चांदी चांदी करा दे हाथ तंग हो गया, लगे सोहना के तू ऐसे

मेरे मन की फसी पतंग किशोरी तेरे महलन में मुझे रख लो अपने संग किशोरी तेरे महलन में इस दुनिया

जा रे कान्हा जा रे जा, जा रे जा, जा रे कान्हा जा रे जा अब के मोहन सुध

भगत के वश में है भगवान भक्त बिना ये कुछ भी नहीं है भक्त है इसकी शान भगत मुरली वाले

जेल के खुल गये द्वार, जन्म लियो कान्हा ने, सो गये पहरेदार, जन्म लियो कान्हा ने, देवकी और वसुदेव के

श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है, तेरे सिवा जग में ना कोई और है, ना कोई और है,ना कोई

चरण कमल तेरे धोये धोये पीवा मेरे, सिमर सिमर नाम जीवा तन मन होए निहाला, चरण कमल तेरे धोये धोये

मैंने सौंपी है जीवन की नया तेरे हाथ, लोगो से हमने सुना है श्याम तू ही देता है हारे का

हो राधा तेरी मटकी कमाल कर गई, माखन से मुझे माला माल कर गई, कमाल कर गई हां कमाल कर