
कान्हा मार गेयो पिचारी
कान्हा मार गेयो पिचारी के राधा रंगा रंग हो गई कहा छिप गयो कृष्ण मुरारी के राधा रानी तंग हो

कान्हा मार गेयो पिचारी के राधा रंगा रंग हो गई कहा छिप गयो कृष्ण मुरारी के राधा रानी तंग हो

मुरली तेरी कन्हियाँ लगती है हमको प्यारी, मुरली सुन आ गई है राधा भी सुनो बिहारी, मुरली तेरी कन्हियाँ निन्दियाँ

राधा नच्दी श्याम दे नाल अम्बरा तो फुल बरसे, नच नच राधा श्याम नु रिझावे , बरसाना छड मथुरा नु

बरसे बदरिया सावन की। सावन की मन भावन की॥ सावन में उमंगयो मेरो मनवा। झनक सुनी हरि आवन की॥ उमड़

कान्हा का बाल रूप मन में बिठाइये, जन्ममास्टमी है आई खुशियां मनाइये, माखन बना के भक्ति का प्रभु को खिलाइये,

राधा रानी दे मिलने नु आज मालन बने बनवारी श्याम जी ने टिका ला लिया नाथ पा लयी मोरा वाली

मेरी बिगड़ी बनाने आवो, आवो मेरे घनश्याम, डूब न जाओ बीच भवर में तुम ही प्रभु लो थाम, आओ कन्हियाँ

लिए जा लिए जा मन राधे राधे नाम यही एक नाम आएगा तेरे काम लिए जा लिए जा मन राधे

आज ख़ुशी है भारी, श्याम जन्मा री की शुभ दिन आया है आज ख़ुशी है भारी, श्याम जन्मा री की

जन्म होगा आज श्याम काकृष्णा धरती पर आएगागूँजेगी शहनाई अम्बर मेंऔर सारा जहाँ मुस्कायेगाहर और उजियारा होगाघर घर दीपक जल