
खेलें कुंज गलिन में श्याम
खेलें कुंज गलिन में श्याम, होरी फाग मच्यो री भारी, फाग मच्यो भारी,ओ कान्हा, फाग मच्यो भारी, खेले कुंज गलिन

खेलें कुंज गलिन में श्याम, होरी फाग मच्यो री भारी, फाग मच्यो भारी,ओ कान्हा, फाग मच्यो भारी, खेले कुंज गलिन

फोड़ के मटकी मेरी तने सारी दही बखेरी आज यशोदा माँ से मैं करू शिकायत तेरी आती जाती ने सतावे

तेरे दर आने जो ये दिल मेरा तडपता है, कैसे दिल को प्रभु सम्बाले ये मचलता है, लाख समजाने पे

कर गए दिल पे टोना, बांके बिहारी के नैना। बांके के नैना, बिहारी के नैना, कर गए दिल पे टोना,

मेरी कोई नेक कमाई दर पे तेरे ले आई, तुमने भी किरपा करके पकड़ी है मेरी कलहाइ, तूने मुझको अपनाया

दिल दीवाना हो गया , दिल दीवाना हो गया सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया, एक तो तेरे

तेरे सिवा मेरा कोई नहीं है किस्से करूँ फरियाद बाबा साँची कहूं मैं बात जग में आकर भूल गया मैं

सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गयी अंखियां । बचायी थी बहुत लेकिन निगोड़ी लड़ गयी अखियां ॥ ना

कर कमलन सो बंसी धरे हो अधरं श्याम लगाये, मंद मंद मुस्कान अधर अजू नैनं श्याम लुभाए कर कमलन सो

भर दे रे श्याम झोली भर दे भर दे, ना बहलाओ बातों में…. दिन बीते, बीती रातें अपनी कितनी हुई