
हे बांके बिहारी गिरधारी हो प्यार तुम्हारे चरणों में
हे बांके बिहारी गिरधारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में, नटवर मधुसुदन बनवारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में, हे बाँके बिहारी

हे बांके बिहारी गिरधारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में, नटवर मधुसुदन बनवारी, हो प्यार तुम्हारे चरणों में, हे बाँके बिहारी

मुझे मिल गया तेरा साथ, नाथ मैं क्यों डोलू जब सिर पर तेरा हाथ नाथ मैं क्यों डोलू, क्यों डोलू

आयो फागण रंग रंगीलो,नाचे मन को मोर, घर में मनड़ो ना ही लागे सांवरियां खींचे डोर, छोड़ो छोड़ो सारा काम,

हर कदम मेरा बड़ेगा सांवरे दर पे तेरे, सर झुका है सर झुकेगा सांवरे दर पे तेरे ॥ मेरा सब

सारी दुनिया दुखी पड़ी है प्रभु द्वारे भीड़ खड़ी है, कृष्णा तुम आ जाओ कन्हिया आ जाओ गीता का पाठ

बंशी ऐसी बजायी मेरे श्याम ने , प्यारी धुन को सुना तो मजा आ गया …. अपनी सुध बुध भुलाके

एक तू जो मिला सारी दुनिया मिली, खिला जो मेरा मन सारी बगिया खिली, तू सूरज मैं सूरजमुखी हूँ पिया,

मैनु सोहने तेरे दीदार दी आद्दत पे गई है, इक मीठे जाहे खुमार दी आद्दत पे गई है, नैना न

बरसाना बरसाना श्री राधे तेरा बरसाना ऊचा पर्वत मंदिर तेरा निचे बरसाने को घेरा झूम रहा बरसाना श्री…….. हरा हरा

राधे कब तुम किरपा करोगी ऊंचे बरसाने वाली, जन्म जन्म की भटकी मैं राधे शरण तिहारी आई, अब की देर