
कन्हियाँ तो प्रेम का भूखा है
सच कहता हु मैं कसम से सोने चांदी न धन से, करलो सेवा तन मन से, मिलते है श्याम भजन

सच कहता हु मैं कसम से सोने चांदी न धन से, करलो सेवा तन मन से, मिलते है श्याम भजन

चाहे रूठे सब संसार मगर मेरा श्याम नहीं रूठे, मेरी सांसे थम जाये मगर विस्वाश नहीं टूटे, अफ़सोस मुझे उस

मन इक तारा तू हाथ उठा ले, मीरा जैसा प्याला मस्ती का चढ़ा ले, अरे राधे राधे की जो प्यारे

यमुना अशनान करना दुःख हरदी श्याम पटरानी, गोलोक विच मिलदा प्यारा गोविन्द गोपाला ॥ गौशाला विच मिलदा प्यारा गोविन्द गोपाला

काली कमली ने ऐसा रंग डाला, के रंग कोई चडता नहीं। रूप भी काला रंग भी काला, फिर भी गज़ब

वे तेरे जेहा सोहना होर नहियो होना, मिलदा नसीबा नाल तेरा जेहा सोहना, वे तेरे जेहा सोहना होर नहियो होना,

सखी री मिल गावो री गावो बधाई आज है राधा अष्टमी आई श्री कृष्ण की शक्ति राधा, रावल गांव में

ओ लाडली मुझको बरसाने बसा लो न, पाप मुक्त करके मुझको चरणों से लगा लो न, ओ लाडली मुझको बरसाने

तर्ज आये हो मेरी जिंदगी में तुम गोकुल में आप आये वादे हजार करके तुम चलदिए कहा को२ दिल बेकरार

पकड़ लो हाथ बनवारी, नहीं तो डूब जाएंगे हमारा कुछ न बिगड़ेगा, तुम्हारी लाज जायेगी तुम्हारे ही भरोसे पर जमाना