
राधे कहे कृष्ण कृष्ण सीता कहे राम राम
राधे कहे कृष्ण कृष्ण सीता कहे राम राम, मेरे लिए तो दोनों इक समान, कृष्ण कहो या राम, त्रेता युग

राधे कहे कृष्ण कृष्ण सीता कहे राम राम, मेरे लिए तो दोनों इक समान, कृष्ण कहो या राम, त्रेता युग

यशोदा मैया खोल किवड़िया, लालो आयो गऊ चराय, गऊ गोप ग्वालन गऊ संग , बंशी मधुर बजाय, सुन गोपी जन

बिसर गई सुध रही न तन की हये रे मैं तो मर गई राधा, राधा बल्लभ की अखियां जादू कर

हुन पै गया पंजाबइया दे पल्ले,ठाकुरा बल्ले बल्ले, बल्ले बल्ले,तेरी बल्ले बल्ले, हुन पेश कोई न चले,ठाकुरा बल्ले बल्ल्ले, हुन

ना जी भर के देखा, ना कुछ बात की, बड़ी आरजू थी, मुलाक़ात की। करो दृष्टि अब तो प्रभु करुना

कान्हा ने एसी है मुरली भजाई, सुन ने को सारी ही गोपी है आई तेरी मुरली बड़ी चितचोर रे मेरा

मोर मुकुट रंग कालेया, मन मोह लिया कुण्डला वालिया श्यामा, यमुना दे कंडे कंडे मुरली ब्जान्दा, मुरली बाजंदा श्याम सखियाँ

लाला नै माखन भावे रे लाला नै मिश्री भावे रे शिरो धराउँ, श्रीखंड धरु नै सुतरफेनि सही ऊपर ताजा घी

राधे तेरे चरणों की बन गई मैं दासी, तेरे दर्श को अखिया प्यासी, राधे तेरे चरणों की बन गई मैं

लगिया ने मौजा हुन लाई रखी सोहनिया, चंगी आ के मंदी आ,निभाईरखी सोहनिया, हसर निमाने जदों,अमला तो तोलना शर्म दे