
आयो रे मखन चोर
माखन चुराने आयो रूप पावन लायो देख यशोदा तेरो नन्द लाला आयो, मखन नही तेरे मन को चुराने आयो रे

माखन चुराने आयो रूप पावन लायो देख यशोदा तेरो नन्द लाला आयो, मखन नही तेरे मन को चुराने आयो रे

नौबत बाज रहे द्वारे पे, भवन पे नाच रहे नर नारी, आइयो मेलो फागुन को भाई, जिसकी शोभा है बड़ी

दिल तो प्यारा है मगर दिल से प्यारा तू है। पर गजब ये है कि इस दिल में भी न्यारा

लाखों सर पे ये एहसान हैं चुकाना मुझ पे ना आसान है दिलदार तू दिल खोल कर मुझपे यूँ मेहरबान

तेरे बिना ओ श्याम मेरा क्या हाल हो गया, आके तेरे दर पे निहाल हो गया, तेरे बिना ओ श्याम

श्याम चंदा है श्यामा चकोरी, बड़ी सूंदर है दोनों की जोड़ी, श्याम रसिया है राधा रसीली, श्याम चंचल है राधा

फागण आयो जी सरकार, मिलके चंग बजास्यां आज। फागण आयो जी…… चंग बजास्यां मिलकर सगला, घूमर घाल्या आज। फागण आयो

हरी नाम सुमर सुखधाम जगत में जिवना दो दिन का सुन्दर काया देख लुभाया गरब करै तन का गिर गई

श्री राम जपो रघुवंश मणि, मिट जाए तीनो ताप काल काँपे, जम थरथरे, ऐसा है नाम प्रताप भज राम सिया

तेरी याद में रोते है जग ते है न सोते है, उल्फत में तेरी मोहन दामन को भिगोते है, तेरी