
घनश्याम जी लगते है सबको प्यारे
घनश्याम जी अंगना में पधारे, घनश्याम जी लगते है सबको प्यारे तुम तो सावरिया मेरी आँखों के नूर हो, हर

घनश्याम जी अंगना में पधारे, घनश्याम जी लगते है सबको प्यारे तुम तो सावरिया मेरी आँखों के नूर हो, हर

श्याम तुम्हारे श्री चरणों में करते है सत सत नमन पूजा अरचन नंदन वंदन सब तेरा तुझको अर्पण कीर्तन में

ओम जय जय जय गिरिराज, स्वामी जय जय गिरिराज, संकट में तुम राखो, निज भक्तन की लाज, ॐ जय जय

लग जाएगी लगन धीरे धीरे, सांवरे से होगा मिलन धीरे धीरे, प्रेम दिखा तू मीरा के जैसा, कर ले भरोसा

बड़ा शुभ दिन पावन दिन जन्मी है राधा रानी, खुश हो कर झूमे अम्बर धरती भी है दीवानी कलियों से

हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय। दरद की मारी बन बन डोलूं बैद मिल्यो नही कोई॥

मीरा के ये है मोहन राधा के ये है श्याम, गोपाल गोपियों ने रखा कृष्ण का नाम, रोम रोम में

चलो री सखी वृन्दावन को आज चलो री सखी वृन्दावन को आज, ब्रज रजकण रसमय अतिपावन, प्रभु बांकेबिहारी को राज,

ज्योति पुंज एक, गगन से, चला, धरा की ओर, छाया था यहॉँ, पाप का, अंधकार घणकोर l ऋषि मुनि, जप

बगड़ी किस्मत को बनादे ऐसा मेरा श्याम है, रोते को पल में हसा दे ऐसा मेरा श्याम है, किस पे