
जपले हरी नाम नादान काहे इतना करे घुमान
जपले हरी नाम नादान काहे इतना करे घुमान बाला पण हस् खेल गवाया, गोर तन को देख लुभाया, भुला सब

जपले हरी नाम नादान काहे इतना करे घुमान बाला पण हस् खेल गवाया, गोर तन को देख लुभाया, भुला सब

चोरी चोरी मिलया कर काम दुनिया दे नहीं मुकदे, काम दुनिया दे नहीं मुकदे काम दुनिया दे नहीं मुकदे, तनु

प्रेम से भावो से कन्हैया तोल देंगे हम, तेरे स्वागत में दरवाजा दिल का खोल देंगे हम, प्रेम से भावो

राधे जी को सिणगार बैणी गूंथन बैठ्या माधो । तीनों लोकां रा भरतार ज्यांको देख्यो प्रेम अघाधो ॥ तरह तरह

आये कभी मुसीवत तो ये नाम लिए जा, श्याम संवारा दया कर श्याम संवारा मन में वसा प्रभु को हर

चल रे कान्हा मधुवन में चल चल रे कान्हा मधुवन में तेरी बंसी मेरी पायल दोनों साथ भजाए गे जम

वंदना करता रहू मैं रात दिन श्री नाथ की, जीवन सफल हो जाये उसका आये शरण जो आपकी, वंदना करता

कृष्णा खड़े मधुबन में हँसे मन-मन में राधा के घर जाना है कृष्णा के माथे पे मुकुट विराजे मुकुट पे हीरा-मोती जड़ के

मोहे ब्रज की धुल बना दे, लाड़ली श्री राधे,लाड़ली श्री राधे, स्वामिनी श्री राधे, मोहे ब्रज की धूल बना दे,

हो म्हारे होली खेलन आइये हो कृष्ण गोपाला ॥ बागों में तेरी राह देखुगी ॥ तू मतना बाँट दिखाइये, हो