
दुरो चल के मैं तेरे दर आई आ
दुरो चल के मैं तेरे दर आई आ, मेरे उते मेहर करि, तेज गम दियां बदलियां छाइयाँ मेरे उते मेहर

दुरो चल के मैं तेरे दर आई आ, मेरे उते मेहर करि, तेज गम दियां बदलियां छाइयाँ मेरे उते मेहर

न तो इज़्ज़त न शौहरत बड़ी चीज़ है न दौलत हुकूमत बड़ी चीज़ है गर जहाँ मैं कोई चीज़ भी

इलेक्शन हो गया रे वोट देखो पड़ गया रे बानी मोदी की सर्कार झंडा गड गया रे महामिलावटगठबंधन का बज

जय जय हिंदुस्तान हम न भूलेंगे बलदानी, तुम ने इतनी जाने देदी हम को दी है आजादी, १५ अगस्त जब

हिमाद्रि तुंग श्रृंग से प्रबुद्ध शुद्ध भारती — स्वयं प्रभा समुज्ज्वला स्वतंत्रता पुकारती — अमर्त्य वीरपुत्र हो, दृढ प्रतिज्ञ सोच

कदम-कदम बढ़ाये जा, खुशी के गीत गाये जा ये जिन्दगी है क़ौम की, तू क़ौम पे लुटाये जा तू शेर-ए-हिन्द

उठो जवान देश की वसुंधरा पुकारती, ये देश है पुकारता, पुकारती माँ भारती । रगों में तेरे बह रहा है

चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है। चंदन

मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू तेरा सब कुछ मै, मेरा सब कुछ तू हम्म आ आ… हर करम अपना

वन्दे मातरम !! वन्दे मातरम !! एहसास थोड़ा तो जगाये, अपने दिलों में हम, वन्दे मातरम !! वन्दे मातरम !!