
छोड़ो कल की बातें हम हिंदुस्तानी
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी

छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी नए दौर में लिखेंगे, मिल कर नई कहानी हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी

स्वच्छ रहे मेरा गाँव स्वच्छ रहे मेरा देश, स्वच्छ बने यहाँ धरा स्वच्छ बने भारत देश, स्वच्छ रहे हिमालय पर्वत,

संघ किरण घर घर देने को अगणित नंदादीप जले, मौन तपस्वी साधक बन कर हिमगिरि सा चुपचाप गले, नई चेतना

ये शहीदों की जय हिंद बोली, ऐसी वैसी ये बोली नहीं है, इनके माथे पे खून का है टीका, देखो

हम राम जी के, राम जी हमारे हैं वो तो दशरथ राज दुलारे हैं मेरे नयनो के तारे हैं सारे

आये आये मेरे रघुनाथ अवध में चोदा वर्ष के बाद, आगे आगे है बजरंगी राघव के सुख दुःख के संगी,

आन मिलो मोहे राम, राम मेरे । मन व्याकुल है, तन बेसुध है, अँखिओं में आ गए प्राण ॥ तुम

तू प्रेम से ओढ़ले प्यारी चुनरियाँ चुनरियाँ राम नाम की भली, इस चादर की ओट तान के सब की नाव

भरी हुई रस की गगरिया सा मीठा, सिया राम कहो हरी राम कहो प्रभु राम रे, प्रीतम की प्रीती विश्वाश

ऐसो को उदार जग माहीं, बिन सेवा जो द्रवै दीन पर राम सरिस कोए नाहीं। जो गति जोग बिराग जतन