
बड़ी दूर से आया हु
बड़ी दूर से आया हु माँ कहने दिल की बात लाज रखो मेरी माँ, मैं तो हु दीन अनाथ कहा

बड़ी दूर से आया हु माँ कहने दिल की बात लाज रखो मेरी माँ, मैं तो हु दीन अनाथ कहा

पार लगादो नैया मेरी मैया तुम्ही हो खेवनहार जगत जननी माँ विंध्यवासिनी दाती मेरी सरकार पार लगाना नैया मेरी करते

अंबे मैया सजी सिंह चाड़ के चली, आज भक्तो के अंगना आई, संग लाँगुर और भैरव को लाई, सोलह श्रृंगार

शेरावाली का लगा दरबार आज मोरे अंगना में, जोतावाली का लगा दरबार आज मोरे अंगना में आज मोरे अंगना में

हो यहाँ पूछते है हमसे जग वाले कहा, हम तो यही है बताते चारो धाम है यहा, कहते है लोग

निमी निमी तारियाँ दी लो, पुजारियां ने बूहा खोलेया, शेरा वाली /ज्योता वाली दा, पुजारियां ने बूहा खोलेया, निमी निमी

माँ के आली रंगा ॥ आली रंगा फुलवा चुने भाई लंगुर…॥ फुलवा के मधुर सुहागे हो माँ, माँ के आली

उठे तो बोले राम बैठे तो बोले राम, यो राम भक्त हनुमान बोले राम राम, आके नैना माहि राम आके

ऐसे भक्त कहा कहा जग में ऐसे भगवान, काँधे पर दो वीर बिठा कर चले वीर हनुमान, राम पयो ग़ज

माता अंजनी के लाल माता अंजनी के लाल, लालो की लाज लाला राखियो, लाल देह लाली से अर धर लाल