
तेरे देने के रस्ते हजार साई
तेरे देने के रस्ते हजार साई , किसे देना है कब तेरी मर्जी है सब, करे चिंता क्यों हम ये

तेरे देने के रस्ते हजार साई , किसे देना है कब तेरी मर्जी है सब, करे चिंता क्यों हम ये

खेल तुम्हारे सब से निराले हे शिरडी वाले हे शिरडी वाले, खोले सब की किस्मत के ताले हे शिरडी वाले,

मेरी मैया दे द्वारे दी निराली शान है., ताहियो जग सारा आखे दाती न महान एह, मैया जी दी रेहमता

आओ चलों चलते संतोषी के धाम में, यात्रा को चलते हम सब संतोषी के धाम में, याहा बनते सब के

आजा री भवानी तेरा मंदिर सजाया है, मंदिर सजाया तेरा भक्तो को बुलाया है, कोई तो ले आयो मैया चोला

ना दाम लगे ना कोड़ी माँ के नाम को ध्याले तेरा दाम लगे ना कोड़ी माँ के नाम को ध्याले

छैने भजे सारी रात भवन पर गाउ मैं खुशियां मनाऊ मैं माँ के दर पे आके सवाली कभी न खाली

नेत्र अंगनी पुंज ज्वाला कर रही तांडव तरह, त्राहि त्राहि गान होके पाल में , देखो चामुंडा नाच रही ताल

पैरा दे विच घुंगरू पा के दर ते नचदा आ, चरना दे विच बह के माये दिल दा हाल सुनावा

मैनु नाम दीं मस्ती चढ़ी चढ़ी जी लख लख शुकराना मियां दा, माँ किरपा किती बड़ी बड़ी, जी लख शुक्राना