
उचियाँ पहाड़ियां
उचियाँ पहाड़ियां माँ उचियाँ पहाड़ियां , मंदिरा उते मेले लगदे नचदियाँ संगता प्यारियां, उचियाँ पहाड़ियां ….. माँ वैष्णो दे दर

उचियाँ पहाड़ियां माँ उचियाँ पहाड़ियां , मंदिरा उते मेले लगदे नचदियाँ संगता प्यारियां, उचियाँ पहाड़ियां ….. माँ वैष्णो दे दर

मेरी झुँझन वाली बदल ती तकदीरे, कभी जल्दी जल्दी कभी धीरे धीरे, मेरी झुँझन वाली बदल ती तकदीरे, कहते है

शेरोवाली के दर पे तू आके तो देख तू इक बार सिर को झुका के तो देख, जो शरधा से

जोतां वाली नैणा माँ, मेरी शेरां वाली, मेरी जोतां वाली नैणा देवी माँ मै तेरे ते कुर्बान, आये नवरात्रे रोनका

मुझे ऐसी लगन तू लगा दे मैं तेरे बिना पल ना रहु मैं तेरे बिना पल ना रहु मैं तेरे

हो, कर कर हवन सी देवते, जद माँ नु प्रसन लगे, केह्न्दे /लै बाई, चिन्ता पुरनी भवन ते, फुल बरसन

कोई भाव से कोई प्यार से, कोई भाव से माँ को चुनरी चढ़ा दे भाग्य जग जाएगा, कोई भाव से

आज सुहानी राति है भगतो जगराते दी आई, जय माता दी बोल बोल के रौनक खुभ लगाई, सारे मिल के

हे नाथ अब तो ऐसी दया होजीवन निरर्थक जाने न पाये।यह मन न जाने क्या क्या दिखाएकुछ बन ना

महिमा सारा दिन गावा मैं तेरे ही गुण गावा मैं दातिए, कर दे दया अपनी मेरे तेरे जगराता करवा वा