
झोली मेरी वी तू खुशीआं दे नाल दाती भर
भावें अज्ज मेहर कर, भावें कल मेहर कर, झोली मेरी वी तू खुशीआं दे नाल दाती भर । तेरे द्वार

भावें अज्ज मेहर कर, भावें कल मेहर कर, झोली मेरी वी तू खुशीआं दे नाल दाती भर । तेरे द्वार

तेरे दर पे है माँ है जुका मेरा सिर, तेरे चरणों का पारस जो जु जाए गा, बाह जिसकी भवानी

सारे मिल के खुशियां मनाओ आई दिवाली आई, नाचो गाओ धूम मचाओ लक्ष्मी जी घर आई, सारे मिल के खुशियां

मणि दिवाली माँ तेरे दर पे आने से, चलने लगा परिवार मेरा इक चुनड़ी चढ़ाने से, मेरी तकदीर अच्छी थी

गुड़ और चने का संतोषी माँ को भोग लगा के देख, भाग्य जागेंगे तेरे भी प्राणी , माँ को मना

तेरी पूजा करे संसार,शारदा महीयर वाली, भ्र्म विष्णु तुम को ध्यावे देव महादेव शीश जुकावे, सारी दुनिया करे जैकार शारदा

जय दादी की…जय दादी की… जय दादी की…जय दादी की… डंका जग की महारानी का बजता मोटी सेठानी का झुंझनू

फतेहपुर में धोली सती माँ का सच्चा दरबार है दादी का परिवार है,ये दादी का परिवार है बिंदल गोत्र की

मैया थारो रूप मन भायो जियो हरषायो, कुन माहरी मियां ने सजायो, बनड़ी सी लागे माहरी माँ सोहनी सोहनी लागे

दादी को नाम अनमोल बोलो जय दादी की, मैया को नाम अनमोल बोलो जय दादी की, गंगा भी बोले दादी