
नगाड़ा नगाड़ा नगाड़ा भजा
फिर लहराई माँ की चुनरियाँ आये है नवराते, घर घर ज्योत चली मैया की गली गली जगराते, झूमो नाचो ऐसे

फिर लहराई माँ की चुनरियाँ आये है नवराते, घर घर ज्योत चली मैया की गली गली जगराते, झूमो नाचो ऐसे

मेरी मैया की सवारी आई रे मेरी मइयां, शेरावाली की सवारी आई रे मेरी मइयां, आई सिंह पे सवार माँ

जान लवे तू साड़े दिल दी ख़ुशी असा नु किनी मिलदी. इक बार तू दर्शन देदे अमडीये दिल नु तोड़ी

एहो आस एहो अरदास मेरी, ऐनी मिन्नत माए मंजूर करीं जदो होंण हनेरिया रातां माँ ज्योतां दा

बंगा चढ़ा लो बंगा मेरी मैया दे दरबार दिया ये बंगा सीता ने पाईया राम दे नाल प्रीता लाईया अयोध्यापुरी

विधि- पूर्वक ही जोत जलाकर माँ-चरणन में ध्यान लगाकर जो जन, मन से पूजा करेंगे जीवन-सिन्धु सहज तरेंगे कन्या रूप

लाली लाली चुनरी तेरे नाम कि लाए दरबार में, तुझको चुनरियाँ उडाये गे माँ आके दरबार में, चाँद तारो वाली

माँ दा बचैया दे वल देख चेहरा हसदा, जदो नच्दे दीवाने बड़ा चंगा लगदा चढ़ जनादे जिह्ना न सरूर माँ

ओढ़े लाल लाल चुनरी सिंह पे सवारी माँ आज आई रे, देखो माई लगे प्यारी सिंह पे सवारी माँ आज

बोल जैकार चले मई के द्वार चले, शुभ घड़ी आई अरे औ सब भक्त कहे जय हो महा मई रे,