
इक सांस आये रे इक सांस जाए रे | आत्मिक भजन
इक सांस आये रे,इक सांस जाए रे जियरा भी पास में फसता जाए रे । सांस पहर बन ढलता जाए,

इक सांस आये रे,इक सांस जाए रे जियरा भी पास में फसता जाए रे । सांस पहर बन ढलता जाए,

मैं रोनी आ तेरे करके तू आया बाद मुद्ता दे, आ बैठ सामने जग तू, ख़ुशी विच ढुल पये अपने,

प्रेम के बंधन में मोहन बंध गए प्रेमियों ने जो बनाया बन गए प्रेम के बंधन में मोहन बंध गए

तेरी पनाह में हमे रखना, सीखे हम नेक राह पर चलना। कपट कर्म चोरी बेईमानी, और हिंसा से हमको बचाना,

मुक्ति का कोई तूँ जतन करले रे, रोज थोड़ा थोड़ा हरी का भजन करले । मुक्ति का कोई तूँ …

आज बांटे रक्शा बंधन के त्यौहार भाइयाँ, हम से राखी बंधवा ला तू हमार भाइयाँ, आज बांटे रक्शा बंधन के

पिता जैसा नही कोई है निरभा दुनिया में, पिता ब्रह्मा पिता विष्णु पिता भगवान दुनिया में, ये बचो के लिए

ਸ਼ੇਅਰ: ਹਰ ਇਕ ਦੀ ਨੇੜੇ ਹੋ ਸੁਣਦਾ, ਐਸੀ ਦਾਤਾ ਖੇਡ ਰਚਾਈ ਹੋਈ ਏ । ਓ ਜਿੰਨੀ

ਚੱਲ ਹੋ ਜਾ ਫਕੀਰ ਛੱਡ ਦੇ ਦੁਨੀਆਂ ਵਾਲੀ ਮੌਜ ਨੂੰ ਦੁਨੀਆਂ ਵਾਲੀ ਮੌਜ ਨੂੰ ਮੋਹ ਮਾਇਆ ਦੇ ਰੋਗ ਨੂੰ ਚੱਲ

इक्क दिन छड्ड जाना दुनिया दे रंगीले भाग नु, गठ बन ले तू बन्देया सत्गुरा दी इस बात नु, इक्क