
गल मोत्यां को हार
गल मोत्यां को हार सिर चुनड़ चमक धार, देकर सोलाहा शृंगार माँ बनडी सी लागो जी, थारे हाथ सुनी चंगी

गल मोत्यां को हार सिर चुनड़ चमक धार, देकर सोलाहा शृंगार माँ बनडी सी लागो जी, थारे हाथ सुनी चंगी

कल दिन था बड़ा ही पावन माँ ने भगाये जगाया है, मैया ने मैसेज कर के मुझे ऑनलाइन भुलाया है,

मैं नन्ना फूल तेरा माँ तेरी भगिया की डाली का, तेरे होते क्यों गीली है मेरी अखियां बता दो माँ,

हे महाकाली खपर वाली आया हु मैं यहा, दर्शन देदो ओ मोरी मइयां आ जाओ मेरी माँ, माँ मेरी माँ

या तो दर्शन देने मईया रोज मेरे घर आना, या तो अपने मंदिर में मुझे इक कोना दिलवाना, मैंने जब

बांह फड लै मैया जी इक बारी, भवानी मेरी बांह फड लै, उपकार करो उपकारी, भवानी मेरी बांह फड लै,

मेरे मन की वंदना…माँ तू ही, मेरे दिल की अर्चना…माँ तू ही, सच्ची आराधना…माँ तू ही, जीवन की कामना….माँ तू

जो भी माँ दे दर ते झुक्दा होया माला माल, विच जगराते दे तेरे भंगड़े पाउंदे माँ लाल विच जगराते

तेरी दया से हम गायेंगे, माँ शारदे माँ शारदे माँ शारदे, तेरी दया से हम गायेंगे सुरों का ज्ञान माँ

दुनिया में जिसका न हो कोई घर. आये मईया के दर झण्डेवाली के दर, आंचल में तुझको छुपा लेगी माँ,