
माता बीच भवन में नाचे छम छम जवाला दो
माता बीच भवन में नाचे छम छम जवाला दो, भ्र्म विष्णु शीश झुकाये फिर भोला जी डफली भजाये, सारे भक्त

माता बीच भवन में नाचे छम छम जवाला दो, भ्र्म विष्णु शीश झुकाये फिर भोला जी डफली भजाये, सारे भक्त

जय जय माँ, बोलो जय जय माँ , “नवदुर्गा की, महिमा गाऊँ” “पार्वती के, रूप को धिआऊँ” नाम पे जिनके,

मेरी ज़िंदगी दे विच खुशिया तेरी रेहमत होइ ता आइयाँ, माये सबे पुरियां होइयां ने जिह्नियाँ सी आसा मैं लाइयाँ,

हे मइयां दुःख रूपी सागर लगा दे तू पार, सभी पापो का हमारे मैया कर दे संगार, तूने दीन दुखियो

मेरा लिख लै तू भगता च ना, मेरा लिख मस्ता दे विच ना, मेनू दे चरना दे विच था, ता

मैया जी चरणों में ठिकाना चाहिये, बेटा जो भुलाये माँ को आना चाहिये, सुन ओ माँ के प्यारो तुम प्रेम

जिथे अम्बे माँ दी ज्योत जगदी ओथे भगता दे भाग जग दे, कर हार शृंगार मैया जागे विच तुरदी रूह

असी लाइ ऐ ते द्सांगे निभा के, राणोंए पहाड़ां वालिये , कदे देख लवी सहनु अजमा के, राणोंए पहाड़ां वालिये

कुंडा खोल मेरी जगदम्बे लामियां वाहवा करके, लामियां वाहवा करके ठंडिया छावा करके, कुंडा खोल मेरी जगदम्बे लामियां वाहवा करके,

दुरो दुरो संगता आइयाँ लौन जयकारे चड़न चढ़ाइयाँ, ढोल भजा के माँ दे दरते नच्दे सारे ने, माँ मेरी ने