
हे माता चिंतापुरनिये साढ़े कारज रास करो
हे माता चिंतापुरनिये साढ़े कारज रास करो, साढ़े कारज रास करो माँ पूरी आस करो, हे माता चिंतापुरनिये साढ़े कारज

हे माता चिंतापुरनिये साढ़े कारज रास करो, साढ़े कारज रास करो माँ पूरी आस करो, हे माता चिंतापुरनिये साढ़े कारज

तू जो करदे माँ इक इशारे तो सवर जाए भाग हमारे, सच्चा है माँ दर तेरा दरबार तेरा है जग

पर्व क्या सुहाना है मेरी आंबे ज्वाला का, हर कोई दीवाना मेरी आंबे ज्वाला का उनकी प्यारी चौकठ से कोई

हाजरियां… हाजरियां परवान करो माँ हाजरियां, भकत वत्सला मात, मात आई जागे वाली रात । हाजरियां ….हाजरियां परवान करो माँ

माँ संतोषी माँ जय माँ, तेरी शरण रहू मैं सदा , माँ संतोषी माँ जय माँ, हर शुकर्वार माँ तुझको

आये मैया नवराते होने रोज जगराते, मेला लग दा है हर वार रोनका लगिया ने, मेरी मैया दे दरबार रोनका

मेरे घर में सजा दरबार दिया दीदार किया उपकार दातिए, मुझे मिल गया तेरा प्यार मैं शुक्र गुजार दातिए, तेरा

माँ होके शेर सवार म्हारे घर आ जाना , तेरा करना है दीदार हमारे घर आ जाना, माँ होके शेर

मोहे दर्शन करा दे माई के रे फंडा बाबा मोहे दर्शन करा दे माई के, लाल लाल फुलवा मोहे भागो

तू दुनिया दे सिद्ध किते काज दातिये, कदी मेरी वी तू रख ले लाज दातिये, गिन गिन चडी है चडाई