माँ वैष्णो कंजका दे नाल खेले माई
माँ वैष्णो कंजका दे नाल खेले माई, लुक छिप जाना मकाई दा दाना, राजे दी बेटी आई, माँ वैष्णो कंजका
माँ वैष्णो कंजका दे नाल खेले माई, लुक छिप जाना मकाई दा दाना, राजे दी बेटी आई, माँ वैष्णो कंजका
वैष्णो धाम के दर्श करा दे रे पिया वैष्णो धाम त्रिकुटा पर्वत की करू मैं चढ़ाई, चरण पादुका दिखादे रे
लहर लहर लहराए चुनरिया मैया की । भक्तो के मन भाए, चुनरिया मैया की । लाल चुनरिया मैया की, लाल
थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे, मंडो हरे माहरो मंडो हरे, थारो सुंदरियों यो शृंगार दाती मंडो हरे, वेश
कैसे करूँ तेरी पूजा भवानी, कैसे करूँ तेरी पूजा जल चढ़ाऊँ वो नहीं शुद्ध माँ वो मछली का जूठा भवानी,
हां मात मेरी पींघां झूह्टे, हो झुहटे सखियाँ नाल मात मेरी पींगा झूहटे, ओ सावन दी रुत आई सुहानी भवन
तेरे दर्शन करेंगे सारी रात मैयां जी अजे दिन न चड़े, दिल खोल के करागे गल बात, मैयां जी अजे
मैया तेरी ज्योत है पावन, मैया तेरी ज्योत है पावन, सूरज तारे चाँद सितारे है तुम से रोशन, मैया तेरी
माँ मैं तेरी कठपुलती तेरा हुकम भजाउ गी, तू डोर हिलाना मावड़ी मैं नाच दिखाऊ गी, मेरा वजूद कुछ नहीं
मैया आए नवरात्रे तेरी ज्योत जगाते आजा शेरावालिए आजा मेहरा वालिए तेरे दर पर खड़े हैं पुजारी तेरे दर्शन के