साणु लंबियाँ तरीकां
हूँ ता लेख बदल सूट माये, हूँ क्यों देर तू लाइ, अज कल करदियाँ उमरा लंगियाँ ने, पर तेरी कल
हूँ ता लेख बदल सूट माये, हूँ क्यों देर तू लाइ, अज कल करदियाँ उमरा लंगियाँ ने, पर तेरी कल
नैन खोल देख मैया भक्त की पुकार है, दीन दुखियाँ रे सारे आये तेरे द्वार है, सिंह की सवारी तेरी
मेरे घर भी आ जाना माँ हम जब भी तुझसे बुलाएंगे, दर्शन मुझको दे जाना माँ हम जब भी तुझे
तेरा स्वरगा तो सोहना माये द्वारा निराली तेरी शान दातिए तेरा स्वरगा तो सोहन माये द्वारा, झुल्दे दे ने झंडे
मेरी इक इक साह दे उते तेरा उपकार माँ, मैनु घर भी मेरा लगे तेरा दरबार माँ, जिन्दी विच सब
दोष मेरे तु माफ करदे , हाथ अर्जा गुजारा माँ, मोड़ दे मेरे खुशीया खेड़े , मोडदे मौज बहारा माँ,
फुल्ला नाल करके शृंगार माता रानिये, बचैया ने करना दीदार माता रानिये, आजा होके शेर ते सवार माता रानिये, बचैया
कर दू वेहड़े पार विचाले रखदी नहीं, सब जय माँ जय माँ बोलों जीबा थक दी नहीं, विच पहाड़ा डेरा
खोलो खोलो माँ मंदिर के द्वारे आये दर्शन को हम है तुम्हारे, आज मन में यही हमने ठाना बिना दर्शन
आया बुलावा भवन से, मैं रह नहीं पाई | अपने पति संग चढ़ के चडाई नंगे पाँव आई | लाल