
मैं बालक तू माता शेरां वालीये
मैं बालक तू माता, शेरां वालीये, है अटूट यह नाता, शेरां वालीये | शेरां वालीये माँ, पहाडा वालीये माँ, मेहरा

मैं बालक तू माता, शेरां वालीये, है अटूट यह नाता, शेरां वालीये | शेरां वालीये माँ, पहाडा वालीये माँ, मेहरा

बड़ी दूर से मैं दौड़ी चली आई रे, मैया रानी को सजाने मैं तो आई रे, माँ का गजरे से

झंडे वाली ने मेहर बरसाई उलाम्बे सारे दूर हो गये, माँ ने खुशिया दी मौज ऐसी लाइ उलाम्बे सारे दूर

चरणों में है देखे मैंने मैया चारो धाम दातिए सोहना लगे , तेरा नाम दातिए सोहना लगे, मैया तेरे दर्शन

कर रेहमता दी सदा वरसात भगता, मेरी शेरावाली मैया दी क्या बात भगता, मेरी ज्योतावाली मैया दी क्या बात भगता,

शेरोवाली मैया का है अद्भुत रूप निराला, चढ़ के जिस पर बैठी मैया वो है सिंह विशाला, चल के माँ

ज्योत जगा के तेरी पूजा करू माँ गाओ महिमा तुम्हारी, बन के मैं दास गाऊ महिमा तुम्हारी, ज्योत जगा के

सादे घर जगराता माँ दा लख लख शुक्र मनाइये, माँ दे रज रज दर्शन पाइये,के माँ दे खुले दर्शन पाइये,

फूलों में सज रही है मेरी मैया शेरो वाली, कटरा में रह रही जो मेरी मैया वैष्णो रानी, कटरा की

जीण जीण भज बारम्बारा,हर संकट का हो निस्तारा नाम जापे माँ खुश हो जावे,संकट हर लेती है सारा जय अम्बे