
दुर्गा चालीसा
॥ दुर्गा चालीसा ॥ ॥ जय माता दी ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो अंबे दुःख हरनी

॥ दुर्गा चालीसा ॥ ॥ जय माता दी ॥ नमो नमो दुर्गे सुख करनी । नमो नमो अंबे दुःख हरनी

सुख जे माइये किरपा तेरी दुःख भी तेरा परशाद माँ, ताहियो आसा ने दुःख सुख अंदर राख्या है तनु याद

नगरकोट की ज्वाला रानी, सिमरु मैं बाराम बार माँ , नगरकोट की ज्वाला रानी चन्दन चौंकी चौंक पुराऊ तेरा सजाऊ

छड़ जग दे झगड़े झड़े आ बन जा नौकर माई दा, माँ आपे करू नवेडे आ बन जा नौकर माई

बल्ले बल्ले मैं मैया द फ़क़ीर हो गया, ओहदे रंगां विच रंगी तस्वीर हो गया, १. नाम वाले रंग विच

मैया तुमसे मुरादे लेने आये है, तेरे दर से ना खाली जायेगे, मैया तुमसे मुरादे लेने आये है तू ही

चलो चलो ऊंचे पर्वत से माँ का संदेशा आया, फैला कर के बाहे माँ ने भवन में तुम्हे भुलाया, जिस

आये है दिन नवरातो के मेरी मैया के जगरातों के, जिस घर में माँ की ज्योत जलाई जाती है, माँ

जिह्ना तेरा नाम चंचल ने गया ए, लगदा है माये तेरा ध्यानु मुड़ आया है मैं तेरे बिन रह नहीं

माँ तेरी किरपा से चमत्कार हो रहा है, घर बैठे तेरा दीदार हो रहा है, जागरण मेरे घर पहली बार