अरदास लेखे ला लो माँ करो विनती मंजुर मेरी
अरदास लेखे ला लो माँ करो विनती मंजुर मेरी, जींद चरना दे विच कट जावे झण्ड़ेया वाली सरकार मेरी ,
अरदास लेखे ला लो माँ करो विनती मंजुर मेरी, जींद चरना दे विच कट जावे झण्ड़ेया वाली सरकार मेरी ,
हिवड़े में वस गयो म्हारो सुंदर सो मुखड़ो थारो, चलो जी नजर उतारा महसर मात की, आज गज़ब का थाणे
खड़क रहियाँ खडतालां माँ, तेरे भवन दे अगे, झुरमट पाया जवाला माँ, तेरे भवन दे अगे, कई न्च्दे तपदे आउंदे
संतोषी मैया मुरदे पूरी करदे मै गुड़ चना बाटूंगा , भोग लगाके तुझे भवानी तेरे गुण मैं गाऊंगा, मेरी मैया
मेहरावाला मीह बरसाई रखी दातिए, बचैया ते किरपा बनाई रखी दातिए, तेरे उते लाइया आसा पूरियां तू करदे, दुःख हर
शेरोवाली है देखो सिंह पे चढ़ी, चल के दर्शन पाइये कह के जय माता दी, जन्मो से दिल से इक
मइया है मेरी मैहरवाली बड़ी ही प्यारी भोली भाली, प्यारा है माँ का दरबार मैहरवाली का, मेरी मैहरवाली का मेरी
चरना च तेरे मैं ता पाई बैठा प्यार मैं, झंडे वाली मैया तेरा शुकर गुजार हां, चरना च बेहन वाली
तेरे दर का यही है दस्तूर, मुँह मांगा है मिलता जरूर, नाम तेरा जपले तो सब दुःख दूर, कोई काहे
हे माँ, हे माँ, हे माँ, हे माँ मात अंग चोला साजे, हर रंग चोला साजे मात की महिमा देखो,