
तेरी पूजा मे मन लीन रहे
तेरी पूजा मे मन लीन रहे तेरी पूजा मे मन लीन रहे, मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा, मीट जाये

तेरी पूजा मे मन लीन रहे तेरी पूजा मे मन लीन रहे, मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा, मीट जाये

सीता राम दरश रस बरसें सीताराम दरश रस बरसें,जैसे सावन की झड़ी, चहुं दिशि बरसें राम रस,छायों हरस अपार, राजा

दिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीलाला नंद जू को छौना वृषभानु की ललीदिव्य दम्पति की आरती उतारो हे अलीपद

चारो राजकुमारों और नव-वधुओ का अयोध्या राजमहल में प्रवेश.. करहिं आरती बारहिं बारा। प्रेमु प्रमोदु कहै को पारा।।भूषन मनि पट
तू तो कोई अजब है, तेरा अजब तमाशा जग में है।तुही राम, तें रावण मारा, तू ही नन्दकिशोर । तुही
बांके बिहारी ने लूट लिया मन मोरा । लिख दिया नाम अपना, कही का अब न छोड़ा ।। बांके बिहारी

इक़ दर्द छुपा हो सीने में, मुस्कान अधूरी लगती है जाने क्यों बिन श्याम के, हर शाम अधूरी लगती है

भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे

हम अयोध्या में राम के दर्शन करने आये हैं। श्री राम जय राम जय जय रामराजा राम के राज तिलक