
श्री दुर्गादेव्यै नमो नमः
हे सिंहवाहिनी, शक्तिशालिनी, कष्टहारिणी माँ दुर्गे।महिषासुरमर्दिनि, भव भय भंजनि, शक्तिदायिनी माँ दुर्गे।। तुम निर्बल की रक्षक, भक्तों का बल विश्वास

हे सिंहवाहिनी, शक्तिशालिनी, कष्टहारिणी माँ दुर्गे।महिषासुरमर्दिनि, भव भय भंजनि, शक्तिदायिनी माँ दुर्गे।। तुम निर्बल की रक्षक, भक्तों का बल विश्वास

मेरे प्यारे सांवरे दिल का हाल सुनाती हूंमैं खुशी से फूल जाती हूंजब मैं तुम्हें अपने इतना करीब पाती हूंतब

मेरे मनके धन तुम ही हो, तुम ही मेरे तनके श्वास।आश्रय एक, भरोसा तुम ही, तुम ही एकमात्र विश्वास॥ मैं

आपके श्री चरणों में उमर कट जाए सारी,जिधर भी देखु दिखे युगल छवि श्याम तुम्हारी, श्याम तुम स्वामी मेरे स्वामिनी

करुणामय ! उदार चूड़ामणि ! प्रभु ! मुझको यह दो वरदान।देखूं तुम्हें सभीमें, सभी अवस्थाओंमें हे भगवान॥ शब्द मात्रमें सुन

मेरा नाथ तू हैं नहीं मैं अकेला मेरे साथ तू हैं मेरा नाथ तू हैंचला जा रहा हूं मैं राहों

उनको चाहा, उसकी करते हैं प्रियतम खुद चाह।जो आहें भरता है, उसके लिये स्वयं वे भरते आह॥ जिसको क्षणभर प्रिय-वियोगमें

कन्हैया को इक दिन मै रो के पुकारा कन्हैया को एक रोज रोकर पुकारा,कहा उनसे जैसा हूँ अब हूँ तुम्हारा।वे

आपके श्री चरणों में उमर कट जाए सारी,जिधर भी देखु दिखे युगल छवि श्याम तुम्हारी,आपके श्री चरणों में उमर कट

श्याम हमारी पूजा अर्चन किरपा कर स्वीकार करोभगवन मेरे, दर पे तेरे आये है हम उद्धार करो ना पूजा का