
चलि राधे तोहि स्याम बुलावै।
चलि राधे तोहि स्याम बुलावै।वह सुनि देखि बेनु मधुरे सूर, तेरो नाम लै लै गावै।।देखो वृंदावन की सोभा, ठौर ठौर

चलि राधे तोहि स्याम बुलावै।वह सुनि देखि बेनु मधुरे सूर, तेरो नाम लै लै गावै।।देखो वृंदावन की सोभा, ठौर ठौर

आनंद छाय रहे बरसाने,नित नित होवे मंगलचार।।ब्रजभूमि सब जग तें न्यारी, जन्म लियो जहां राधा प्यारी।अष्टसिद्ध शतकोट बसें जहां,वेद न

गाइये गनपति जगजगबंदन।संकर-सुवन भवानी-नंदन।।१।। सिद्धि-सदन, गज-बदन, बिनायक।कृपा-सिंधु, सुन्दर, सब लायक।।२।। मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।बिद्या-बारिधि, बुद्धि-बिधाता।।३।। माँगत तुलसिदास कर जोरे।बसहिं रामसिय मानस मोरे।।४।।(गोस्वामी

श्याम तुम्हारे चरणों में, होती है अमृत की वर्षा, मेरे श्याम तुम्हारे चरणों मेंभक्तो को मिलता आराम, भगवान तुम्हारे चरणों

कुछ दे या न दे श्याम, इस अपने दिवाने को। दो आँसू तो दे दे, चरणों में बहाने को।नरसी ने

जय लक्ष्मी-सन्तोषी शुक्र मंत्र: हिमकुंद मृणालाभं दैत्याना परमं गुरूम्।सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।।ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:सर्व मंगल मांगल्ये

।। जय माँ जगदम्बिका ।। तव च का किल न स्तुतिरम्बिकेसकलशब्दमयी किल ते तनु:।निखिलमूर्तिषु मे भवदन्वयोमनसिजासु बहि:प्रसरासु च।। इति विचिन्त्य

जय श्री राधे कृष्णा के चरणों मे मेरा कोटी कोटि दंडवत प्रणामऐ गोकुल के ग्वाले, ऐ रंगत के काले तेरा

श्री कृष्णःशरणं ममजय श्रीकृष्ण ‼श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,हे नाथ नारायण वासुदेवाय !!! मारने वाला हैं भगवानबचाने वाला हैं भगवानबाल न

तेरे नाम से जी लू तेरे नाम से मर जाऊँऐसा वर दो हर गयारस को तेरे दर्शन पाऊँजब भी मैं