
जरा सिर को झुकाओ वासुदेव जी,तेरे सिर पे त्रिलौकी नाथ हैं,
जरा सिर को झुकाओ वासुदेव जी,तेरे सिर पे त्रिलौकी नाथ हैं, छुंऊ इनके चरण बङे प्रेम से, आज यमुना की

जरा सिर को झुकाओ वासुदेव जी,तेरे सिर पे त्रिलौकी नाथ हैं, छुंऊ इनके चरण बङे प्रेम से, आज यमुना की

श्री गणेशाय नमः। ॐ नमो विश्वरूपाय विश्वस्थित्यन्तहेतवे।विश्वेश्वराय विश्वाय गोविन्दाय नमो नमः।।१।। नमो विज्ञानरूपाय परमानन्दरूपिणे।कृष्णाय गोपीनाथाय गोविन्दाय नमो नमः।।२।। नमः कमलनेत्राय

..! सभी देशवासियों कोश्रीकृष्ण जन्माष्टमी कीहार्दिक शुभकामनाएं ..! ।। ।। रूपं यत्तत्प्राहुरव्यक्तमाद्यंब्रह्मज्योतिर्निर्गुणं निर्विकारम्।सत्तामात्रं निर्विशेषं निरीहंस त्वं साक्षाद्विष्णुरध्यात्मदीपः।।१।। नष्टे लोके द्विपरार्धावसानेमहाभूतेष्वादिभूतं

।। बाल मुकुंदाष्टकम् ।। करारविंदेन पदारविंदंमुखारविंदे विनिवेशयंतम्।वटस्य पत्रस्य पुटे शयानंबालं मुकुंदं मनसा स्मरामि।।१।। संहृत्य लोकान्वटपत्रमध्येशयानमाद्यंतविहीनरूपम्।सर्वेश्वरं सर्वहितावतारंबालं मुकुंदं मनसा स्मरामि।।२।। इंदीवरश्यामलकोमलांगंइंद्रादिदेवार्चितपादपद्मम्।संतानकल्पद्रुममाश्रितानांबालं

दिव्यकृष्णसँदेश-“उमड़ घुमड़ कर घिर रहे थे, तिमिर अमा शवरी में काले कजरारे जलद बादल आज! रह-रह कर गरज रहे थे

कृष्ण नाम ही सबसे पवित्र तीर्थ है। कृष्ण नाम ही सबसे पवित्र मूर्ति है। कृष्ण नाम ही परमात्मा है। कृष्ण
सच्चे दिल से तुमको सिमरे,अहलवाती के जाए,हो जाए सब कारज पूरे,श्याम नाम जो ध्याऐ,तेरी जय हो, तेरी जय हो,तेरी जय

उंन्हे अपनी पलकों पर सजाती हूँ…कृष्णा को मैं सखा बुलाती हूँ नित रोज उन्हीं के गीत गाती हूँ…जींवन के सफ़र

हे प्राणधन कान्हा प्रियकान्त प्यारे जु सुनो, माधव छू लूँ तुझे या ,तुझ में ही बस जाऊँ कोई तो ऐसा

केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम ! देखूँ एक तुहारी ओर।अर्पण कर निजको चरणोंमें बैठूँ हो निश्चिन्त, विभोर॥ केवल तुहें पुकारूँ प्रियतम