
बजाओ ताली तुम एक बार
बदलेगी तेरे हाथ की रेखा बजाले ताली यार, बजाओ ताली तुम एक बार ये अनमोल श्रवास है तेरा ये विश्वास

बदलेगी तेरे हाथ की रेखा बजाले ताली यार, बजाओ ताली तुम एक बार ये अनमोल श्रवास है तेरा ये विश्वास

अपने भगत से कितना तू प्यार करता है, रहता है खाटू में पर ध्यान रखता है, अपने भगत से कितना

जिसने भी माँगा उसे दियां ओ बाबा लखदातार, तू पूरी करदे ना ओ बाबा बाते चार, नानी बाई के आँगन

हर ग्यारस मे हॉवे बाबा का खूब शृंगार, खाटू में लगता है मेला आवे भक्त अपार, जनवरी फ़रबरी के महीने

जो भी हारेगा,तुझे निहारेगा तेरे होते हार गया तो ,किसे पुकारेगा जो भी हारेगा……….. उमरिया बीत गयी तेरी दरबारी में

दीनो के नाथ है करूनाधि तेरे सामने इक दुखियारा है, हारे के सहारे हो तुम ही यही सोच के तुम

सारे जग में धूम मची है केवल इक ही नाम की, खाटू के श्याम की खाटू के श्याम की, यु

सब कहते हैं हारे का सहारा सांवरे मैं भी हार के आई तेरे द्वार सांवरे नीले चढ़के तू आजा एक

कीर्तन की है सब बाबा तैयारी लेते हैं जो तब आओ मुरारी जलेगी ये ज्योति बाबा इंतज़ार तेरा विश्वास का

मेरी जिंगदी सँवारी मुझे खाटू बुला के, खुशिया जहां की देदी चरणों में बिठा के, हारे का साहरा है श्याम