
रक्शा बंधन त्यौहार है भाई बहिन का प्यार
युगो युगो से चलता आया प्रेम का ये बंधन, भाई बहिन का रिश्ता जग में सब से है पावन, रक्शा

युगो युगो से चलता आया प्रेम का ये बंधन, भाई बहिन का रिश्ता जग में सब से है पावन, रक्शा

ये मत कहो खुदा से मेरी मुश्किलें बड़ी हैं इन मुश्किलों से कह दो मेरा खुदा बड़ा है आती हैं

को माता को पिता हमारे कब जनमत हमको तुम देख्यो, हँसी लगत सुन बैन तुम्हारे कब माखन चोरी कर खायो,

चतुर्भुजा माता तेरा धरे जो दिल से ध्यान , पूरण हो सब कामना , पूरण हो सब काम | संख-चक्र

तेरे हथ विच डोर मालका तेरे हथ विच डोर, मुश्किल दे इस समय अन्दर दिसदा न कोई होर, मालका तेरे

माँ बाप की इस कलयुग में किस तरह कटे जिंदगानी वो बेटा क्या बेटा है जा ने माँ की कदर

जो कर्म कर रहे हो वहां सब हिसाब है जैसा करोगे पाओगे सीधा जबाब है। जब आ गए संसार मे

मेरे दाता के दरबार में, है सब का खाता जितना जिसके लिखा भाग्य में, वो उतना ही पाता रे पाता

नगर उज्जैन के राजा भरथरी हो घोड़े असवार |एक दिन राजा दूर जंगल में खेलन गया शिकार | विछड गए

नाम जपन क्यों छोड़ दियां क्रोध न छोड़ा झूठ न छोड़ा सत्ये वचन क्यों छोड़ दियां, झूठे जग में दिल