
कृष्ण की आधार हैं राधा
।।श्रीराधे।।लक्ष्मी की अवतार हैं राधाविष्णु की चमत्कार हैं राधाजगत में जो ईश्वर कहलायाउस कृष्ण की आधार हैं राधा वृंदावन की
।।श्रीराधे।।लक्ष्मी की अवतार हैं राधाविष्णु की चमत्कार हैं राधाजगत में जो ईश्वर कहलायाउस कृष्ण की आधार हैं राधा वृंदावन की
किशोरी, मोहि देहु वृन्दावन वास ।कर करवा हरवा गुंजन के, कुंजन माँझ निवास ॥नित्यबिहार निरखि निसि वासर, छिन छिन चित्त
राधे तेरा बरसाना इस जग से न्यारा हैहम और किधर जाएँ यही घर अब हमारा है तेरे बरसाने की श्यामा
जै-जै-जै-जै कुँवरि किशोरी, श्रीराधा महारानी ।सुनिये विनय रावरी श्यामा, महाकृपा की खानी ॥यदपि मैं यहि लायक नहिं तुम, सब लायक
ए दिल चल रे बरसानाजहाँ पर रहते है कान्हाबना के दिल का नजरानालुटा दूँ होकर दीवाना….!! सखी मै मयूर बन
राधा ढूंढ़ रही किसी ने मेरा श्याम देखा, श्याम देखा घनश्याम देखा, ओ बंसी बजाते हुए, ओ राधा तेरा श्याम
अब भज राधे राधे राधे ये ही काम आवैंगी – २ काम आवैंगी की भव से पार लगावैंगी – २
मुझे कृपा कर अपनाओ, किशोरी तेरौ कहा बिगड़े..तुम करुणा की खान किशोरी, नेक करुणा रस बरसाओ,जप तप संयम कछू ना
मुझे कृपा कर अपनाओ, किशोरी तेरौ कहा बिगड़े..तुम करुणा की खान किशोरी, नेक करुणा रस बरसाओ,जप तप संयम कछू ना
तेरी मुरली की धुन सुनने मैं बरसाने से आयी हूँ ।मैं बरसाने से आयी हूँ, मैं वृषभानु की जाई हूँ