
सीता राम सीता राम
सीता राम सीता राम रम जाये रोम रोम में रामहो गये पूरे चारों धाम ।। बचा न बाकी कुछ भी
सीता राम सीता राम रम जाये रोम रोम में रामहो गये पूरे चारों धाम ।। बचा न बाकी कुछ भी
कौशल्या दशरथ के नन्दन,राम ललाट पे शोभित चन्दनरघुपति की जय बोले लक्ष्मणराम सिया का हो अभिन्नदनअंजनी पुत्र बैठे हैं चरणों
राम भगवान हैं परमात्मा राम को प्रणाम है। राम सत्चित् आनन्द स्वरूप है भगवान राम हमारी आत्मा की पुकार है।
रघुनन्दन चरणयुगल वन्दन हित आइ खड़े दशरथ द्वारैं।कौशल्या सुत दरशन पाइ सकैं निज तन मन धन उन पर वारैं।।इस दास
आज अयोध्या नगरी में श्री राम पधारे हैं,मिलने रघुवर को देवो के देव पधारे हैं,आज अयोध्या नगरी में श्री राम
अयोध्या धाम में राम लैला की, प्राण प्रतिष्ठा है, चलो अयोध्या नगरी को, राम नाम की गूंज होगी अयोध्या धाम
हे राम तुम्हारे चरणों में नमन है बारम्बार,तुम ही करता तुम ही धरता तुम ही पालन हार,हे राम तुम्हारे चरणों
श्री राम प्रभु का क्या कहना, वो प्रीत की रीत निभाते है, राम का नाम जिसकी जुबा पे आया है,
बंसी वाले को तुम याद करलोकष्ट पल में काटेंगे तुम्हारे बंसी वाले को तुम याद करलोबंसी वाले को तुम याद
अजी मैं तो राम ही राम भजूं री मेरे रामराम ही पार लगावेंगे जल थल गगन मण्डल में रामराम ही