सीता राम दरश रस बरसें
सीता राम दरश रस बरसें सीताराम दरश रस बरसें,जैसे सावन की झड़ी, चहुं दिशि बरसें राम रस,छायों हरस अपार, राजा
सीता राम दरश रस बरसें सीताराम दरश रस बरसें,जैसे सावन की झड़ी, चहुं दिशि बरसें राम रस,छायों हरस अपार, राजा
चारो राजकुमारों और नव-वधुओ का अयोध्या राजमहल में प्रवेश.. करहिं आरती बारहिं बारा। प्रेमु प्रमोदु कहै को पारा।।भूषन मनि पट
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे
भगवान राम को एक भक्त कैसे निहारता है। यह मेरे जीवन का सत्य हैहनुमान जी के ह्दय में राम बैठे
हम अयोध्या में राम के दर्शन करने आये हैं। श्री राम जय राम जय जय रामराजा राम के राज तिलक
राम मंदिर के उद्घाटन की धुम मची है चारो ओर।हिन्दू संस्कृति अब जाग्रत होगी जन जन मेराम मंदिर राम राज्य
श्री रघुवर जी के अवधपुरी मेंप्राण प्रतिष्ठा होना हैनिमन्त्रण को स्वीकार करोअब सबको अयोध्या चलना है जय बजरंगी जय हनुमानवन्दे
आओ बसाये मन मंदिर में,झांकी सीताराम की,जिसके मन में राम नहीं वो,काया है किस काम की आओ बसाये मन मंदिर
भगवान राम अयोध्या नगरी की महीमा का बखान अपने श्री मुख से करते हैं श्री राम जय राम जय जय
राम राम राम राम जपो राम राम राम,राम ही आगाज है और राम ही अंजामराम नाम गाये जो पा जाएगा