राम नाम की लूट मची है
राम नाम राम नाम की लूट मची है, लूट लो राम के नाम को हाथ जोड़कर सर को झुकाओ, नमन
राम नाम राम नाम की लूट मची है, लूट लो राम के नाम को हाथ जोड़कर सर को झुकाओ, नमन
तू ही दाता तू ही विधायाता तू ही तो उपकारी प्रभु जी, तू दुःख हरता तू सुख करता तू ही
कुटुंब तजि शरण राम तेरी आयो तझी घन लंक मेहल ओह मंदिर नाम सुनत उठी धायो कुटुंब तजि शरण भरी
मेरे राम जी चरणों में तेरे भगती मिल जाए कितनो को तार दिया भव से पार किया, हम को भी
मेरी लाज रखो रघुनन्दन, कर हु तुम्हारे चरण कमल में कोटि कोटी अभिनन्दन मेरी लाज रखो रघुनन्दन दीं हीन में
करहु भरोसा राम चरण में सदा रहू मैं राम शरण में आधी राम सो अंत राम में सुख उपजे नित
जग के मालिक प्रभु राम है सब से प्यारा यही नाम है, सुनो भगतो श्री राम को सब से प्यारा
आज अयोध्या नगरी को हम खूब सजाये गे, कसम राम की खाई थी हम मंदिर वही बनायेगे मर जायेगे मिट
रघुनंद तुम को आना होगा भगतो को दर्श दिखाना होगा सीता माँ संग लक्ष्मण जी को लाना होगा, रघुनंद तुम
मेरी चिठ्ठी तुम्हारे नाम मेरे राम मेरे राम मेरी अर्जी तुम्हारे नाम मेरे राम मेरे राम इस चिठ्ठी में सब