सासरी मैं न जाऊ मेरी माँ
सासरी मैं न जाऊ मेरी माँ मेरो मन लाग्यो राम के भजन में राम के भजन में राम के भजन
सासरी मैं न जाऊ मेरी माँ मेरो मन लाग्यो राम के भजन में राम के भजन में राम के भजन
जय बोलो श्री राम की, जय बोलो हनुमान की बात करो अब काम की, जय बोलो सियाराम की जय जय
पुण्य भूमि ये चित्रकूट की,जहाँ बसे श्रीराम , बरस बिता के ग्यारह, इसको बना गये धाम , तुलसी करते रामचरित
( राम राम जो करे, राम से मिल जाता l राम ही सबका पालणहारी, राम ही सब के दाता ll
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम जग में साचे तेरो नाम । हे राम… तू ही माता, तू
बोल पिंजरे का तोता राम, हरे राम राधेश्याम सियाराम रे, बोल पिंजरे का तोता राम, हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
सुनो अवध के वासियों सुनो अवध के वासियों, मर्यादा का सार पुरूषोत्तम श्री राम की, कही कथा विस्तार सुनो अवध
इक बानर बलवान, रावण तेरी लंका में आया है फल खाए उसने बाग उजाडे, कर दिया उसने बहुत कबाड़े कर
वक़्त सुंदर सुहाना कमाल आ गया, ब्रह्म बन के श्री दसरथ के लाल आ गया, अब बधावा चहु ओर बजने
भजो रे मन, राम नाम सुखदाई। राम नाम के दो अक्षर में. सब सुख शान्ति समाई॥ भजो रे मन, राम