सीता राम दर्श रस बरसे जैसे सावन की घड़ी
कोश्यल नन्द राजा राम जानकी भलव सीता राम जय सिया राम जय जय सिया राम ऐसे राम दर्श रस बरसे
कोश्यल नन्द राजा राम जानकी भलव सीता राम जय सिया राम जय जय सिया राम ऐसे राम दर्श रस बरसे
In the Ramayana, Lord Rama explains the nine types of devotion or penance to Shabri: श्रीराम जी ने शबरी को
जयसियाराम जय जय सियाराम , जयसियाराम जय जय सियाराम । जयसियाराम जयसियाराम, जयसियाराम जय जय सियाराम ॥
पाप की गठरी लिए लिए मेरी बीती उम्र तमाम, एक भरोसा है प्रभु तेरा पतित पावन नाम सिया राम जय
हरे राम हरे रामा, जपते रहे हनुमाना, इस मंत्र की महिमा को, सारे जग ने जाना। हरि भक्तो ने जाना
आज है देखो शुभ घड़ी आई राम लला के भगतो बधाई मंदिर का होगा निर्माण सब मिल बोलो जय श्री
भगवा रंग लहराएगे श्री राम का नारा लगाये गे, राम का नारा लगाये गे श्री राम का नारा लगाये गे,
भगवान के भगतो को भगवान नज़र आये ॥ इक मेरा बाई सी वह बड़ी मस्तानी थी ॥ उसे जहर प्याले
हे रघुराई तुम से विनती करूं मैं दुख में पड़ा हूं दुख से उबारो हो माया नाच नचाए रे इससे
राम नाम ना गाया तूने बस माया ही जोड़ी राम नाम के सिवा साथ ना जाए फूटी कौड़ी जय श्री