
जननी मैं न जीऊँ बिन राम
जननी मैं न जीऊँ बिन राम, राम लखन सिया वन को सिधाये गमन, पिता राउ गये सुर धाम, जननी मैं

जननी मैं न जीऊँ बिन राम, राम लखन सिया वन को सिधाये गमन, पिता राउ गये सुर धाम, जननी मैं

सीता राम सीता राम कहिये. जाहि विधि रखे राम ताहि विधि रहिये मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ

डाल रही वरमाला अब तो जानकी धनुष तोड़ा शिव जी का श्री राम जी ने जनक नंदनी मन में हर्षा

रामा रामा, रटते रटते, बीती रे उमरिया ll *रघुकुल नंदन, कब आओगे ll, भिलनी की डगरिया, रामा रामा रटते रटते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

रुन झुन रुन झुन रुन झुन बाजे पग पैजनिया अंगनैया बिहरे रामलला…. दुइ दुइ दसन दामिनि जैसे दम दम दम

राम कथा की महिमा को घर घर में पहुंचाना है राम नाम की भक्ति को जन जन में जगाना है

अइसन मनोहर मंगल मूरत सुहावन सुंदर सूरत हो ये राजाजी ये करे ता रहलबा जरूरत मुहूरत खूबसूरत हो हमारा जनात

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है अभी हमने जी भर के देखा नही है ॥ कैसी घड़ी आज जीवन

तेरा राम जी करेगे वेडा पार उदासी मन, काहे हो डरे,काहे हो डरे,काहे हो डरे, नैया तेरी राम हवाले लहर

राम नाम को भेज रे बन्दे मन मंदिर राम बसेंगे मन मंदिर में राम बेस हैं राम शरण में आ